2 उनखे हाँथ माहीं एकठे छोट क खुली किताब रही हय; ऊँ आपन दहिना गोड़ समुंद्र माहीं, अउर बामा धरती माहीं धरिन।
तब यीसु उनखे लघे आइके कहिन, “स्वरग अउर धरती के सगला अधिकार हमहिन काहीं दीनगा हय।
अउर जउने स्वरगदूत काहीं हम समुंद्र अउर धरती माहीं ठाढ़ देखन रहा हय; ऊँ आपन दहिना हाँथ स्वरग कइती उठाइन।
पुनि हम देखेन, कि मेम्ना ऊँ सातव मुहरन म से एकठे काहीं खोलिन; अउर ऊँ चारिव प्रानिन म से एकठे के गरजँय कि नाईं बोल सुनान, कि “आबा!”
अउर जब मेम्ना दूसर मुहर खोलिन, त हम दुसरे प्रानी काहीं इआ कहत सुनेन, कि “आबा!”