तब हे राजा, गइल माहीं दुपहर के समय हम अकास से सुरिज के उँजिआर से घलाय बढ़िके, एकठे जोति अपने अउर अपने साथ माहीं चलँइ बाले साथिन के चारिव कइती चमकत देखेन।
देखा, ऊँ बदरिन के साथ आमँइ बाले हें; अउर हरेक आँखी उनहीं देखी, इहाँ तक कि जउन उनहीं बेधिन रहा हय, ऊँ पंचे घलाय उनहीं देखिहँय, अउर धरती के सगले कुल उनखे कारन छाती पिटिहँय। इआ जरूर होई। आमीन।
ओखे बाद एकठे बलमान स्वरगदूत बड़ी चक्की के जतबा कि नाईं एकठे पथरा उठाइन, अउर इआ कहिके समुंद्र माहीं फेंक दिहिन, “बड़ा सहर बेबीलोन इहइमेर बड़े बल से गिराबा जई, अउर पुनि ओखर कबहूँ पता न चली।
अउर जब हम पुनि देखेन, त अकास के बीच माहीं एकठे चील्ह काहीं उड़त, अउर खुब चन्डे इआ कहत सुनेन, “ऊँ तिनहूँ स्वरगदूतन के तुरहिन के बोल के कारन, जिनखर फूँकब अबे बाँकी हय, धरती माहीं रहँइ बालेन के ऊपर घोर बिपत्ती आमँइ बाली ही।”