जब हम उनहीं देखेन, त उनखे गोड़ेन माहीं लहास कि नाईं गिर परेन, अउर उँइ हमरे ऊपर आपन दहिना हाँथ धइके, इआ कहिन, कि “डेरा न; हम पहिल अउर अन्तिम अउर जिन्दा आहेन।
यूहन्ना के तरफ से आसिया प्रदेस के सातव मसीही मन्डली के नाम। अउर उनखे तरफ से जउन हें, अउर जउन रहे हँय, अउर जउन आमँइ बाले हें; अउर उन सातँव आत्मन के तरफ से, जउन उनखे सिंहासन के आँगे हईं,
इआ कहँइ लागें, “हे सर्बसक्तिमान प्रभू परमातिमा, जउन हएन, अउर जउन रहे हएन, हम पंचे अपना के धन्यबाद करित हएन, कि अपना अपने बड़ी सामर्थ काहीं काम म लइआइके राज किहेन हय।
ऊँ पंचे परमातिमा के दास मूसा के गीत, अउर मेम्ना के गीत गाय, गाइके कहत रहे हँय, “हे सर्बसक्तिमान प्रभू परमातिमा, अपना के काम महान अउर अचरज के हें; हे जाति-जाति के राजा, अपना के चाल ठीक अउर सच्ची हय।”
ईं चमत्कार देखामँइ बाली बुरी आत्मा आहीं, जउन सगले संसार के राजन के लघे निकरिके एसे जाती हईं, कि उनहीं पंचन काहीं, सर्बसक्तिमान परमातिमा के, उआ बड़े दिन के लड़ाई के खातिर एकट्ठा करँय।
अउर जाति-जाति काहीं मारँइ के खातिर उनखे मुँहे से एकठे चोंख तलबार निकरत ही, ऊँ लोहे के राजदन्ड लए, उनखे ऊपर राज करिहँय, अउर ऊँ सर्बसक्तिमान परमातिमा के, भयानक कोप के जलजलाहट के मदिरा के कुन्ड माहीं अंगूर रउँदिहँय।
ओखे बाद हम बड़ी भीड़ कि नाईं, अउर खुब पानी कि नाईं, अउर गरजँय कि नाईं, बड़ी तेज अबाज सुनेन; “हालेलूय्याह! काहेकि प्रभू हमार पंचन के परमातिमा सर्बसक्तिमान राज करत हें।
अउर पुनि ऊँ हमसे कहिन, “ईं बातँय पूर होइ गई हँय। हम अल्फा अउर ओमेगा, आदि अउर अन्त आहेन। हम पिआसे काहीं, जीबन के पानी के झिन्ना म से सेंत-मेंत माहीं पिआउब।