अउर ऊँ पंचे अपने सगले कामन काहीं, मनइन क देखामँइ के खातिर करत हें: अउर ऊँ पंचे अपने तहबीजन अउर ओन्हन के झालरन काहीं, एसे बड़ी से बड़ी करत रहत हें, कि जउने मनई उनहीं धरमी समझँय।
“जब तूँ पंचे प्राथना करा, त कपटी मनइन कि नाईं न करा, जिनहीं दुसरे मनइन काहीं देखामँइ के खातिर, सभन माहीं अउर सड़कन के मोड़न माहीं प्राथना करब नीक लागत हय; हम तोंहसे पंचन से सही कहित हएन, कि ऊँ पंचे आपन प्रतिफल पाय चुके हँय।
इहइमेर निकहा मनई अपने मन के निकहे भन्डार से, निकही बात निकारत हय; अउर बुरा मनई अपने मन के बुरे भन्डार से, बुरी बात निकारत हय; काहेकि जउन मन म भरा रहत हय, उहय ओखे मुँहे से निकरत हय।”
यीसु उनहीं जबाब दिहिन, कि “हम हमेसा मनइन के बीच माहीं हरेक मनइन से खुलिके बात किहेन हँय, अउर हमेसा हम सभाघरन माहीं अउर मन्दिर माहीं जहाँ सगले यहूदी लोग एकट्ठा होत हें, उपदेस दिहेन हय। अउर हम कबहूँ छिपाइके कउनव बात नहीं कहेन आय।