तब यूहन्ना बपतिस्मा देंइ बाले अपने चेलन म से दुइ जनेन काहीं बोलाइके, प्रभू के लघे इआ पूँछँइ के खातिर पठइन, कि “का आमँइ बाले मसीह अपनय आहेन, कि हम पंचे अउर दुसरे के इन्तजार करी?”
अउर ऊँ पंचे यूहन्ना के लघे आइके उनसे कहिन, “हे गुरू, जउन मनई यरदन नदी के उआ पार अपना के साथ रहे हँय, अउर जेखे बारे माहीं अपना बताए रहेन हय, देखी ऊँ बपतिस्मा देत हें, अउर खुब जने उनखे लघे आबत हें।”
काहेकि मसीह हमहीं बपतिस्मा देंइ के खातिर नहीं, बलकिन आपन खुसी के खबर सुनामँइ के खातिर पठइन हीं, अउर अगर हम मनइन के ग्यान के मुताबिक चतुराई से, उआ खुसी के खबर सुनाउब, त कहँव अइसा न होय, कि मसीह के क्रूस माहीं बलिदान होंइ के खुसी के खबर बेकार होइ जाय।
हम पंचे आपन प्रचार नहीं करी, बलकिन यीसु मसीह के प्रचार करित हएन, कि उँइन प्रभू आहीं, अउर हम पंचे अपने बारे माहीं त इहय कहित हएन, कि हम पंचे यीसु मसीह के कारन तोंहार पंचन के सेबक आहेन।