हे भाई-बहिनिव, हम अपने बातन काहीं खतम करित हएन, अउर आखिर माहीं हम तोंहईं पंचन काहीं इआ लिखित हएन, कि तूँ पंचे आनन्दित रहा, बिसुआस माहीं मजबूत बनत जा, ढाढ़स रक्खा; अउर आपस माहीं एक मन रहा; एक दुसरे से मिल जुलिके रहा, अउर प्रेम अउर सान्ती देंइ बाले परमातिमा हमेसा तोंहरे पंचन के साथ रइहँय।