काहेकि मसीह घलाय हमरे पंचन के पापन के बदले माहीं, दुख उठाइन हीं, अरथात ऊँ निरदोस रहे हँय, तऊ हम पंचे जउन पापी रहेन हँय, हमरे खातिर एक बेरकी मरिगें, कि जउने हमहीं पंचन काहीं परमातिमा के लघे लइ आमँय। मसीह सारीरिक रूप से त मारे गें, पय आत्मिक रूप से जिआय दीनगें।