17 पय प्रभू हमरे साथ माहीं रहे हँय, अउर हमहीं सामर्थ दिहिन, जउने हमरे व्दारा खुसी के खबर के भरपूर प्रचार होइ सकय, जउने सगले गैरयहूदी लोग सुन लेंय; अउर परमातिमा हमहीं त सेर के मुँहे से छोड़ाइन हीं।
पय प्रभू उनसे कहिन, कि “तूँ चले जा; काहेकि हम साऊल काहीं चुनि लिहेन हँय, कि ऊँ गैरयहूदी लोगन के आँगे अउर राजन के आँगे, अउर इजराइलिअन के आँगे हमरे नाम के प्रचार करँय।
कि जउने यहूदिया प्रदेस के ऊँ मनइन से, जउन परमातिमा के ऊपर बिसुआस नहीं करँय, उनखे हाँथ से परमातिमा हमहीं बचामँइ, अउर यरूसलेम सहर के बिसुआसी भाई-बहिनिन के खातिर, जउन दान हम लए जइत हएन, ओही ऊँ पंचे बड़े आनन्द के साथ सोइकार करँय।
पय प्रभू हमसे कहिन, कि “हमार किरपय तोंहरे खातिर खुब ही; काहेकि निबलता माहीं हमार सक्ती पूरी तरह से काम करत ही।” एसे हम अपने निबलता के ऊपर बड़े खुसी के साथ घमन्ड करित हएन, कि जउने मसीह के सक्ती हमरे भीतर रहय।
अउर हम जउन सगले पबित्र मनइन म से सगलेन से छोट आहेन, तऊ हमरे ऊपर बड़ी दया भे ही, कि गैरयहूदी लोगन काहीं मसीह के अपार दया के खुसी के खबर सुनाई, जउने ऊँ पंचे घलाय खुब आत्मिक आसीस पामँय।
खुसी के खबर के खातिर हम अपराधी कि नाईं दुख उठाइत हएन, इहाँ तक कि हम जेल माहीं घलाय बंद हएन; पय तूँ इआ जानिल्या, कि परमातिमा के बचन काहीं फइलँय से कोऊ नहीं रोंक सकय।
अउर जब हम अन्ताकिया सहर, इकुनियुम अउर लुस्त्रा सहरन माहीं रहेन हय, तब उहाँ के मनई हमहीं खुब मारिन-पीटिन रहा हय, इहाँ तक कि मारि डारँइ चाहत रहे हँय, उनखे अलाबव दुख-मुसीबत परे हँय, जिनहीं हम सहेन रहा हय, पय प्रभू हमार उन सगलेन से रच्छा किहिन हीं।
अउर तूँ पंचे सचेत होइके, हमेसा परमातिमा के बचन माहीं बने रहा, काहेकि तोंहार बइरी सइतान, गरजँय बाले सेर कि नाईं, हमेसा इआ खोज माहीं रहत हय, कि केही परमातिमा के बचन से भटकाय देई।
इआमेर से प्रभू, अपने भक्तन काहीं परिच्छा म से निकारब, अउर अपने हुकुम न मानँइ बालेन काहीं, अपने न्याय करँइ के दिन तक, सजा के दसा माहीं रक्खब घलाय जानत हें।