“परमातिमा के झूँठ सँदेस बतामँइ बालेन से सचेत रहा, काहेकि ऊँ पंचे गाड़र कि नाईं भेस बनाइके तोंहरे पंचन के लघे आबत हें, पय ऊँ पंचे भीतर से डगर कि नाईं खतरनाक होत हें।
हे भाई-बहिनिव, हम पंचे, तोंहईं अपने प्रभू यीसु मसीह के नाम से हुकुम देइत हएन; कि तूँ पंचे सगले जन अइसन भाई-बहिनिन से अलग रहा, जिनखर चाल-चलन निकहा नहिं आय, काहेकि जउन सिच्छा ऊँ पंचे हमसे पाइन रहा हय, ओखे मुताबिक नहीं चलँय।
पय तूँ बुढ़ान मनइन के व्दारा सुनाई जाँय बाली उन मनगढ़ंत किस्सा-कहानिन से दूरी रहा, जिनखर परमातिमा के बचन से कउनव लेन-देन नहिं आय, अउर परमातिमा के सत्य सिच्छा मनइन काहीं सिखामँइ माहीं लगे रहा।
पय अगर कोऊ अपने नात-रिस्तेदारन, अउर खासकर अपने घर-परिबार के मनइन के मदत नहीं करय, त उआ प्रभू के बिसुआस से भटकिगा हय, अउर उआ, जउन मनई प्रभू के ऊपर बिसुआस नहीं करँय उनहूँ से अधिक बुरा बनिगा हय।
अउर असुद्ध मनई कहत हें, कि हम पंचे परमातिमा काहीं जानित हएन, पय ऊँ पंचे परमातिमा के बचन के खिलाफ काम कइके, उआ बात काहीं इनकार करत हें; काहेकि ऊँ पंचे घिनहे काम करत हें, अउर परमातिमा के हुकुम काहीं नहीं मानँय, अउर ऊँ कउनव निकहे काम करँइ के काबिल नहीं होंय।