अउर याफा सहर माहीं एकठे तबीता नाम के बिसुआसिन रहत रही हय, जउन दोरकास नाम से घलाय जानी जात रही हय, उआ खुब निकहे-निकहे काम करत रही हय, अउर गरीबन काहीं दान देत रही हय।
अउर परमातिमा तोंहईं पंचन काहीं हरेकमेर के उत्तम बरदान जरूरत से जादा दइ सकत हें, जउने तोंहरे लघे हरेक समय जरूरत के सगली चीजँय रहँय, अउर हरेक निकहे कामन के खातिर तोंहरे पंचन के लघे देंइ के खातिर सब कुछ भरपूर रहय।
काहेकि हम पंचे परमातिमा के बनए आहेन; अउर ऊँ यीसु मसीह के द्वारा हमहीं पंचन काहीं एसे बनाइन हीं, कि हम पंचे निकहे कामन काहीं करी, जिनहीं परमातिमा पहिलेन से तइआर किहिन हीं, कि जउने हम पंचे उँइन कामन काहीं करत आपन जीबन बिताई।
पय हे परमातिमा के भक्त, तीमुथियुस, तूँ त ईं बातन से दूरिन रहा; अउर धारमिक बनँइ के पूर कोसिस करा, अउर हमेसा परमातिमा के भक्ती करा, अउर यीसु मसीह के ऊपर बिसुआस रक्खा, अउर सगलेन से प्रेम करा, अउर धीरज रक्खा, अउर नम्र बने रहा।
एसे अगर कउनव मनई खुद काहीं बुराइन से सुद्ध करी, त उआ निकहे कामन माहीं काम आमँइ बाले बरतन कि नाईं पबित्र ठहरी, अउर अपने मालिक के काम अई, अउर हरेक निकहे कामन के खातिर तइआर रही।
अउर असुद्ध मनई कहत हें, कि हम पंचे परमातिमा काहीं जानित हएन, पय ऊँ पंचे परमातिमा के बचन के खिलाफ काम कइके, उआ बात काहीं इनकार करत हें; काहेकि ऊँ पंचे घिनहे काम करत हें, अउर परमातिमा के हुकुम काहीं नहीं मानँय, अउर ऊँ कउनव निकहे काम करँइ के काबिल नहीं होंय।
यीसु मसीह अपने इच्छा से हमरे पँचन खातिर मउत काहीं अपनाइन हीं, कि जउने हमहीं पँचन काहीं हरेकमेर के अधरम से छोड़ाय लेंय, अउर सुद्ध कइके अपने खातिर अइसन प्रजा बनाय लेंय, जउन निकहे-निकहे कामन काहीं करँइ के खातिर हरेक समय तइआर रहँय।