“साँकर दुअरा से परमातिमा के राज माहीं प्रबेस करँइ के कोसिस करा, काहेकि हम तोंहसे सही कहित हएन, कि खुब मनई उआ दुअरा से प्रबेस करँइ के कोसिस करिहँय, पय कर न पइहँय।
“अपना उनखे पद काहीं स्वरगदूतन से थोरिन काहीं कम किहेन हय; अपना उनखे ऊपर महिमा अउर मान-सम्मान के मुकुट धरेन हय, अउर उनहीं अपने हाँथेन के कामन के ऊपर अधिकार दिहेन हय। अउर अपना सब कुछ उनखे अधीन कइ दिहेन हय।”
पय हम पंचे यीसु काहीं जिनखर पद, कुछ समय के खातिर स्वरगदूतन से थोरिन काहीं कम कीन ग रहा हय, मउत के दुख भोगँइ के कारन, महिमा अउर मान-सम्मान के मुकुट पहिरे देखित हएन; कि जउने ऊँ परमातिमा के किरपा से सगले मनइन के खातिर मउत के स्वाद चखँय।
जउन कस्ट तोंहईं उठामँइ परी उनसे डेरा न। काहेकि देखा, सइतान तोंहरे पंचन म से कइअक जनेन काहीं जेल माहीं डारँइ बाला हय, जउने तूँ पंचे जाँचे-परखे जा; अउर तोंहईं पंचन काहीं दस दिन तक कस्ट उठामँइ परी, प्रान देंइ तक बिसुआसी रहा; त हम तोंहईं जीबन के मुकुट देब।