17 पय जब ऊँ रोम देस माहीं आएँ, तब बड़ी मेहनत से ढूँढ़िके हमसे मुलाखात किहिन।
उनेसिफुरूस के घराना के ऊपर प्रभू दया करँय, काहेकि ऊँ कइअक बेरकी हमसे मिलँय आए रहे हँय, हम जेल माहीं बंद रहेन हय, तऊ मिलँय से नहीं लजानें, एसे हमहीं बड़ी सान्ति मिली।
प्रभू करँइ कि न्याय के दिन, उनखे ऊपर प्रभू के दया होय, अउर जउन-जउन सेबा ऊँ इफिसुस सहर माहीं किहिन हीं, उनहीं तूँ निकहा से जनते हया।