16 उनेसिफुरूस के घराना के ऊपर प्रभू दया करँय, काहेकि ऊँ कइअक बेरकी हमसे मिलँय आए रहे हँय, हम जेल माहीं बंद रहेन हय, तऊ मिलँय से नहीं लजानें, एसे हमहीं बड़ी सान्ति मिली।
बलकिन एसे हम अपना पंचन काहीं बोलायन हय, कि अपना पंचन से मिली अउर बातचीत करी; काहेकि इजराइल के मनई जउने मसीहा के आमँइ के आसा कए रहे हँय, उहय मसीह के कारन हम इआ जंजीर माहीं बँधे हएन।
इहय कारन हम ईं दुखन काहीं सहित हएन, पय लजई नहीं, काहेकि जिनखे ऊपर हम बिसुआस किहेन हय, उनहीं हम जानित हएन; अउर हमहीं पूर बिसुआस हय, कि जउन खुसी के खबर परमातिमा हमहीं सउँपिन हीं, ओखर रखबारी ऊँ अन्त समय तक कइ सकत हें।
एसे तूँ प्रभू के बारे माहीं दुसरेन काहीं बतामँइ माहीं न लजा, अउर न हमहिन से लजा, जउन खुसी के खबर सुनामँइ के कारन जेल माहीं बंद हएन, पय परमातिमा के दिहे सामर्थ के मुताबिक खुसी के खबर काहीं सुनामँइ के खातिर, हमरे कि नाईं दुख उठाबा,
काहेकि तूँ पंचे जेल माहीं परे मनइन के दुखन माहीं भागीदार बने हया, अउर अपने धन-सम्पत्ती काहीं खुसी के साथ, इआ जानिके लुट जाँइ दिहा हय। कि हमरे पंचन के लघे ओहू से उत्तम अउर कबहूँ न खतम होंइ बाली धन-सम्पत्ती ही।
काहेकि परमातिमा अन्यायी नहीं आहीं, कि तोंहरे काम, अउर उआ प्रेम काहीं बिसरि जाँय, जउन तूँ पंचे उनखे नाम के खातिर पबित्र मनइन के सेबा किहा हय, अउर अबे तक कइव रहे हया।