अउर अब केबल इआ बातय भर के डेर न होय ही, कि हमार पंचन के इआ रोजिगार के बदनामी होई; बलकिन इआ, कि महान देबी अरतिमिस के मन्दिर तुच्छ समझा जई, अउर उनखर मान-सम्मान घट जई, जिनहीं सगले आसिया प्रदेस के मनई, अउर संसार के मनई पूजत हें।”
काहेकि पवलुस इफिसुस के लघे से होइके जाँइ के निस्चित किहिन रहा हय, कि कहँव अइसा न होय, कि उनहीं आसिया प्रदेस माहीं देर होइ जाय; काहेकि ऊँ हरबिरी माहीं रहे हँय, कि अगर होइ सकय त ऊँ पिन्तेकुस्त के दिन यरूसलेम सहर माहीं रहँय।
आसिया प्रदेस के मसीही मन्डली के बिसुआसी लोग तोहईं पंचन काहीं, प्रभू के नाम माहीं नबस्कार करत हें; अक्विला अउर प्रिस्किल्ला अउर उनखे घर माहीं एकट्ठा होंइ बाली मसीही मन्डली के बिसुआसी लोग घलाय, तोहईं पंचन काहीं पूर मन से नबस्कार करत हें।
सुरू माहीं जब हम आपन बचाव करँइ के खातिर, सबूत देंइ लागेन, तब हमरे पच्छ माहीं बोलँइ के खातिर कोऊ आँगे नहीं आबा, बलकिन ऊँ पंचे हमहीं अकेले छोंड़ि दिहिन तय। हम प्राथना करित हएन, कि परमातिमा उनखे इआ गलती काहीं माफ करँय।