जे कोऊ परमातिमा के राज के बचन काहीं सुनिके, नहीं समझे पाबय, त ओखे मन माहीं जउन कुछू बचन बोबा ग रहा हय, ओही उआ दुस्ट सइतान आइके बिसराय देत हय; ईं उँइन मनई आहीं, जउन गइल के किनारे बोए बीज कि नाईं होत हें।
हम ईं सगली बातन काहीं एसे कहित हएन, कि जब मनई के लड़िका, अपने पिता परमातिमा के महिमा माहीं, स्वरगदूतन के साथ अइहँय, उआ समय, ‘ऊँ हरेक जन काहीं उनखे कामन के मुताबिक प्रतिफल देइहँय।’
हम तोंहसे सही कहित हएन, कि जउन इहाँ ठाढ़ हें, उनमा से कुछ जने अइसन हें, कि जब तक मनई के लड़िका काहीं, राज करँइ के खातिर आबत न देख लेइहँय, तब तक बेलकुल न मरिहँय।”
अउर परमातिमा संसार से उनहिन काहीं जउन नीच समझे जात रहे हँय, अउर जिनसे मनई नफरत करत रहे हँय, अउर जिनखर कउनव महत्व नहीं रहा आय, चुनि लिहिन हीं, जउने उनहीं पंचन काहीं बेकार साबित करँय, जे कोऊ खुद काहीं खास समझत हें
अउर कउनव मेर से कोहू के झाँसे माहीं न अया, काहेकि जब तक धरम के त्याग न होइ जई, तब तक उआ दिन न अई, अउर अधरम के पुरुस मतलब बिनास के लड़िका प्रगट न होइ जई।
अउर उआ आनन्द मिलँइ के आसा रखिके, अपने महान परमातिमा, अउर पाप करँइ से छुटकारा देंइ बाले यीसु मसीह काहीं, महिमा के साथ धरती माहीं आमँइ के इन्तजार करत रही।
हे हमरे बाप कि नाईं मनइव, हम तोंहईं एसे लिखित हएन, कि जउन संसार के सुरुआत से हँय, तूँ पंचे उनहीं जनते हया, हे जमानव, हम तोहईं एसे लिखित हएन, कि तूँ पंचे उआ दुस्ट के ऊपर जीत पाय गया हय; हे पियार लड़िकव हम तोहईं एसे लिखित हएन, कि तूँ पंचे पिता परमातिमा काहीं जान गया हय।
अउर हमहीं पंचन काहीं कैन कि नाईं न बनय क चाही, जउन दुस्टात्मा के काबू माहीं रहा हय, अउर अपने भाई के कतल किहिस रहा हय, उआ अपने भाई काहीं एसे मारि डारिस तय, कि ओखर काम बुरे रहे हँय। अउर ओखे भाई के काम धारमिकता के रहे हँय।
हम पंचे जानित हएन, कि जे कोऊ परमातिमा के सन्तान बन जात हय, उआ पाप नहीं करत रहय; पय परमातिमा के लड़िका, ओही बचाइके रक्खत हें, अउर उआ दुस्ट ओही छुए नहीं पाबय।
अउर ऊँ अपने दहिने हाँथ माहीं सातठे तरइया लए रहे हँय, अउर उनखे मुँहे से दुइ धार बाली चोंख तलबार निकरत रही हय; अउर उनखर मुँह अइसन चमकत रहा हय, जइसन सुरिज तेज घाम के समय चमकत हय।
अउर जाति-जाति काहीं मारँइ के खातिर उनखे मुँहे से एकठे चोंख तलबार निकरत ही, ऊँ लोहे के राजदन्ड लए, उनखे ऊपर राज करिहँय, अउर ऊँ सर्बसक्तिमान परमातिमा के, भयानक कोप के जलजलाहट के मदिरा के कुन्ड माहीं अंगूर रउँदिहँय।