तूँ पंचे जनते हया, कि जइसन बाप अपने लड़िकन के साथ बरताव करत हय, उहयमेर हम पंचे घलाय तोंहरे पंचन म से हरेक जन काहीं, उपदेस सुनाबत, अउर सान्ति देत, अउर समझाबत रहे हएन।
डाह करब, नसा कइके मतबार होब, भोग-बिलास करब, अउर इनखे कि नाईं अउरव खुब पाप हें, इनखे बारे माहीं हम तोंहईं पहिलेन से बताए देइत हएन, जइसन तोंहईं पहिलेव बताय चुके हएन, कि इआमेर के काम करँइ बाले, परमातिमा के राज के बारिसदार न होइहँय।
पय हम तोंहसे ईं बातन काहीं एसे कहेन हय, कि जब उनखर होंय के समय आबय, तब तोंहईं सुध रहय, कि हम उनखे बारे माहीं तोंहसे पहिलेन बताय दिहेन तय, अउर हम सुरुआत माहीं तोंहसे, ईं बातन काहीं नहीं बतायन तय, काहेकि हम तोंहरे साथ माहीं रहे हएन।
का तूँ पंचे अबय तक नहीं समझे पाया? का तोहईं पंचन काहीं ऊँ पाँच हजार मनइन के खातिर, पाँचठे रोटिन के सुध नहिं आय, अउर का तोहईं पंचन काहीं इहव सुध नहिं आय, कि केतनी टोपरी रोटी भरिके उठाया तय?