हम ईं सगली बातन काहीं एसे कहित हएन, कि जब मनई के लड़िका, अपने पिता परमातिमा के महिमा माहीं, स्वरगदूतन के साथ अइहँय, उआ समय, ‘ऊँ हरेक जन काहीं उनखे कामन के मुताबिक प्रतिफल देइहँय।’
हम तोंहसे सही कहित हएन, कि जउन इहाँ ठाढ़ हें, उनमा से कुछ जने अइसन हें, कि जब तक मनई के लड़िका काहीं, राज करँइ के खातिर आबत न देख लेइहँय, तब तक बेलकुल न मरिहँय।”
अउर ऊँ तुरही के खुब तेज अबाज के साथ अपने स्वरगदूतन काहीं पठइहँय, अउर ऊँ पंचे अकास के एक छोर से दुसरे छोर तक, चारिव दिसन से उनखे चुने मनइन काहीं एकट्ठा करिहँय।”
अउर सगले जातिअन के मनई उनखे आँगे एकट्ठा कीन जइहँय; अउर जइसन गड़रिया, गड़रन काहीं बोकरिन से अलग कइ देत हय, उहयमेर ऊँ उनहीं पंचन काहीं एक दुसरे से अलग करिहँय।
हे भाई-बहिनिव, परमातिमा तोंहरे ऊपर जउन दया किहिन हीं, ओही सुधि देबाइके तोंहसे पंचन से बिनती करित हएन, कि अपने-अपने जीबन काहीं जिन्दा, अउर पबित्र, अउर परमातिमा काहीं प्रसन्न करँइ बाले बलिदान के रूप माहीं समरपित कइ द्या, तोंहार पंचन के परमातिमा के सेबा करँइ के सही तरीका इहय आय।
जब हम पंचे अपने प्रभू यीसु मसीह के दुसराय आमँइ के समय उनखे आँगे ठाढ़ होब, त तोंहईं पंचन काहीं छोंड़, हमार पंचन के आसा, आनन्द, अउर बड़ाई के मुकुट अउर का होइ सकत हय?
जउने ऊँ तोंहरे हिरदँय काहीं अइसन स्थिर करँय, कि जब हमार पंचन के प्रभू यीसु अपने सगले पबित्र लोगन के साथ आमँय, त तूँ पंचे पिता परमातिमा के आँगे पबित्र अउर बेकसूर ठहरा।
हे भाई-बहिनिव, तोंहरे बारे माहीं हमहीं पंचन काहीं, हर समय परमातिमा काहीं धन्यबाद देत रहँइ चाही, अउर इआ उचितव हय, एसे कि तोंहार बिसुआस खुब बाढ़त जात हय, अउर तोंहार सगलेन के प्रेम घलाय आपस माहीं खुब बाढ़त जात हय।