जउने दिन तक नूह जिहाज माहीं चढ़ नहीं गें, तब तक सगले मनई खात-पिअत रहे हँय, अउर ऊँ पंचे काज-बिआह करत रहे हँय, अउर उनखे जिहाज माहीं चढ़तय, जल-प्रलय आइके सब काहीं नास कइ दिहिस।
अउर ऊँ पुरान संसार काहीं घलाय नहीं बचाइन, बलकिन परमातिमा के बचन काहीं न मानँइ बाले संसार काहीं, पानी के महाप्रलय द्वारा नास कइ दिहिन, पय परमातिमा के सँदेस के प्रचार करँइ बाले नूह, अउर उनखे साथ सातठे अउर मनइन काहीं घलाय बचाय लिहिन।