पय हम पंचे लज्जित करँइ बाले, अउर गुप्त कामन काहीं छोंड़ि दिहेन हय, अउर अपने चतुराई से नहीं चली, अउर न त परमातिमा के बचन माहीं मिलबटय करित आहेन, बलकिन परमातिमा के नजर माहीं, सत्य काहीं सरल रूप से बताइके, हरेक मनइन के सोच-बिचार माहीं आपन भलाई बइठाइत हएन।
पय ईं आखिरी दिनन माहीं अपने लड़िका के द्वारा हमसे पंचन से बातँय किहिन हीं, अउर उनहिन काहीं ऊँ सगले चीजन के बारिसदार ठहराइन हीं, अउर उनहिन के द्वारा ऊँ सगले संसार काहीं बनाइन हीं।
खास करके उनहीं जउन असुद्ध अभिलासन के पीछे, अउर अपने मन के बुरी इच्छन के मुताबिक चलत हें, अउर प्रभू के अधिकार काहीं तुच्छ जानत हें, ऊँ पंचे एतने घमन्डी हँय, कि महिमामय स्वरगदूतन के अपमान करँइ से घलाय नहीं डेराँय।
हे पियार लड़िकव, इआ अन्तिम समय हय, अउर जउनमेर तूँ पंचे सुने हया, कि मसीह के बिरोधी आमँइ बाला हय, ओखे मुताबिक अबहिनव खुब मसीह के बिरोधी तइआर होइगे हँय; एसे हम पंचे जानित हएन, कि इआ अन्तिम समय हय।
काहेकि ईं पंचे कुड़कुड़ाँय बाले आहीं, अउर दुसरेन के दोस ढूँढ़ँइ माहीं लगे रहत हें। अउर ईं पंचे अपने मन मरजी के मुताबिक चलत हें; अउर अपने मुँहे से घमन्ड के बातँय बोलत हें; अउर अपने फायदा के खातिर दुसरे मनइन के मुँह देखी बड़ाई करत हें।”