अउर जब हम दुसराय तोंहरे साथ माहीं रहेन हँय, त तोहँई पंचन काहीं चेतायन तय। उहयमेर अब जब हम तोंहसे दूर हएन, तऊ जे कोऊ पाप किहिन हीं, उनहीं अउर बाँकी सगले मनइन काहीं घलाय पहिलेन से चेताए देइत हएन, कि जब हम पुनि तोंहरे लघे अउब, त उनहीं कइसव न छोंड़ब।
बिना जाँचे-परखे कोहू काहीं मसीही मन्डली के अँगुआ बनामँइ के खातिर, जल्दबाजी माहीं हाँथ न रख्या, दुसरेन के पापन माहीं भागीदार न होया, बलकिन खुद काहीं पबित्र बनाए रह्या।
इहय कारन से हम तोंहईं सुध देबाइत हएन, कि तूँ परमातिमा के उआ बरदान काहीं, जउन हमरे हाँथ धइके प्राथना किहे के व्दारा तोहईं मिला रहा हय, ओखर निकहा से उपयोग करत रहा।
हे पियार भाई-बहिनिव, हम तोंहसे बिनती करित हएन, कि तूँ पंचे अपने-आप काहीं परदेसी, अउर यात्री जानिके, इआ संसार के उन बुरी अभिलासन से बचे रहा, जउन तोंहरे आत्मा से युद्ध करती हईं।
एसे हे पियार साथिव, तूँ पंचे पहिलेन से ईं सगली बातन काहीं जानिके चउकस रहा, जउने अधरमिन के बुराई माहीं फँसिके, अपने बिसुआस के स्थिरता काहीं अपने हाँथ से गमाय न द्या।
अउर हम तोंहईं पंचन काहीं इआ सुध देबामँइ के खातिर लिख रहेन हय, (काहेकि तूँ पंचे ईं सगली बातन काहीं खुदय जनते हया) कि प्रभू पहिले कइसन अपने चुने मनइन काहीं मिस्र देस के धरती से निकार लाएँ तय, अउर बाद माहीं जेतने जन उनखे ऊपर बिसुआस नहीं किहिन, त उनहीं नास कइ दिहिन तय।