9 इआमेर से प्रभू, अपने भक्तन काहीं परिच्छा म से निकारब, अउर अपने हुकुम न मानँइ बालेन काहीं, अपने न्याय करँइ के दिन तक, सजा के दसा माहीं रक्खब घलाय जानत हें।
पय तूँ अपने हठी अउर कबहूँ न पचिताँय बाले मन के कारन, परमातिमा के क्रोधपूर्न सजा काहीं अपने खातिर उआ दिन के खातिर एकट्ठा कइ रहे हया, जब परमातिमा सच्चा न्याय करिहँय।
अउर तूँ पंचे कउनव अइसन परिच्छा माहीं नहीं परे आह्या, जउन कि मनई के सहँइ के सक्ती से जादा होत ही, काहेकि परमातिमा सच्चे हें, अउर ऊँ तोहईं पंचन काहीं सहँइ के सक्ती से जादा परिच्छा माहीं न परय देइहँय, पय अगर परिच्छा माहीं परिव जाते हया, त ओसे निकरँइ के घलाय उपाय करिहँय, जउने तूँ पंचे ओही सहि सका।
यीसु मसीह अपने इच्छा से हमरे पँचन खातिर मउत काहीं अपनाइन हीं, कि जउने हमहीं पँचन काहीं हरेकमेर के अधरम से छोड़ाय लेंय, अउर सुद्ध कइके अपने खातिर अइसन प्रजा बनाय लेंय, जउन निकहे-निकहे कामन काहीं करँइ के खातिर हरेक समय तइआर रहँय।
पय इआ बर्तमान समय के अकास अउर धरती, परमातिमा के उहय बचन के द्वारा एहिन खातिर बचे हँय, कि ऊँ जराए जाँय; अउर इआ संसार परमातिमा के ऊपर बिसुआस न करँइ बाले, मनइन के न्याय अउर नास होंइ के दिन तक इहइमेर बचा रही।
अउर हम तोंहईं पंचन काहीं इहव सुध देबामँइ चाहित हएन, कि जउन स्वरगदूत, अपने पद काहीं निकहा से नहीं सम्हारे पाइन रहा आय, अउर अपने खुद के रहँइ के जघा काहीं छोंड़ि दिहिन रहा हय, प्रभू उनहूँ पंचन काहीं, उआ भयंकर न्याय के दिन के खातिर, सँकरिन माहीं बाँधिके, कबहूँ न खतम होंइ बाले अँधिआर माहीं रक्खे हें।