अउर नूह काहीं परमातिमा के ऊपर पूर बिसुआस रहा हय, एहिन से ऊँ उन बातन के बारे माहीं बिसुआस किहिन, जउन उआ समय देखाई नहीं देत रही आहीं, अउर परमातिमा से चेतउनी पाइके, भक्ती के साथ अपने परिबार काहीं बचामँइ के खातिर जिहाज बनाइन, अउर उआ बिसुआस के द्वारा संसार के मनइन काहीं दोसी ठहराइन, अउर उआ धारमिकता के बारिसदार बनिगें, जउन बिसुआस से मिलत ही।