18 अउर ऊँ पंचे बेकार के घमन्ड बाली बातँय कइके, अउर अपने लुचपन के कामन के द्वारा, उनहीं अपने मन के बुरी इच्छन माहीं फसाय लेत हें, जउन भटकेन म से अबहिनय बिसुआस माहीं लउटि रहे हँय।
एखे पहिले उआ सहर माहीं समौन नाम के एकठे मनई रहा हय, जउन जादू-टोना कइके सामरिया सहर के मनइन काहीं अचरज माहीं डार देत रहा हय, अउर अपने-आप काहीं बड़ा महान मनई बताबत रहा हय।
एसे हम प्रभू के तरफ से अधिकार पाइके तोंहईं पंचन काहीं जताए देइत हएन, कि जइसन संसारिक मनई जउन मुक्ती नहीं पाए आहीं, ऊँ पंचे अपने मन के बुरी इच्छन के मुताबिक आपन जीबन बिताबत हें, पय तूँ पंचे अब से पुनि कबहूँ उनखे कि नाईं चाल-चलन न अपनाया।
उआ अपने काहीं हरेक चीजन से बढ़िके मानी, अउर उनखर बिरोध करी, अउर अइसन चीजन के जउन परमातिमा के आहीं, इआ कि जउन पूजँय के काबिल हईं। इहाँ तक कि उआ परमातिमा के मन्दिर माहीं बइठिके, इआ दाबा करी, कि हम परमातिमा आहेन।
जिनखे द्वारा ऊँ हमसे पंचन से खुब कीमती, अउर खुब बड़े वादन काहीं किहिन हीं, जउने तूँ पंचे ईं वादन के द्वारा, संसार के बुरी अभिलासन से होंइ बाली सड़ाहट से छूटिजा, अउर परमातिमा के सुभाव कि नाईं तोंहरव सुभाव होइ जाय।
एसे कि जब ऊँ पंचे हमरे पंचन के प्रभू अउर मुक्ती देंइ बाले, यीसु मसीह के ऊपर बिसुआस किहे के द्वारा संसार के अनेकव प्रकार के बुराइन से बच निकरें तय, अउर पुनि ओहिन माहीं फँसिके हार गे हँय, त उनखर दसा पहिले से अउर जादा खराब होइगे ही।
एसे हे पियार साथिव, तूँ पंचे पहिलेन से ईं सगली बातन काहीं जानिके चउकस रहा, जउने अधरमिन के बुराई माहीं फँसिके, अपने बिसुआस के स्थिरता काहीं अपने हाँथ से गमाय न द्या।