16 पय ओखे अपराध के बारे माहीं उलाहना दीनगे, इहाँ तक कि न बोलँइ बाली गदही तक मनइन कि नाईं बोलिके, परमातिमा के सँदेस बतामँइ बाले काहीं, ओखे पागलपन से ओही रोंकिस।
अउर हरेक यहूदी सभाघरन माहीं, हम उनहीं सजा देबाय-देबाइके यीसु के बुराई कराबत रहे हएन, अउर क्रोध के मारे इहाँ तक पागल होइ गएन तय, कि दुसरे प्रदेस के सहरन माहीं घलाय जाइके, उनहीं परेसान करत रहे हएन।