उहय समय यीसु कहिन, “हे पिता परमातिमा स्वरग अउर धरती के प्रभू, हम अपना काहीं धन्यबाद देइत हएन, कि अपना ईं बातन काहीं ग्यानिन अउर अपने काहीं समझदार मानँइ बालेन काहीं नहीं बताएन, बलकिन छोट लड़िकन कि नाईं अपना के बचन के ऊपर बिसुआस करँइ बालेन काहीं बतायन हय।
काहेकि मसीह के क्रूस माहीं बलिदान होंइ के खुसी के खबर, नास होंइ बाले मनइन के नजर माहीं मूर्खता आय, पय हमरे पंचन के खातिर जे कोऊ मुक्ती पाय रहेन हँय, उआ परमातिमा के सक्ती आय।
त जे कोऊ समझदार हें, उनहिन काहीं हम पंचे बुद्धी के बातँय सिखाइत हएन, अउर इआ बुद्धी इआ संसार के मनइन के बुद्धी न होय, अउर न त इआ संसार के नास होंइ बाले अधिकारिन के ग्यान आय।
इआ संसार के मालिक सइतान, ईं अबिसुआसी मनइन के बुद्धी काहीं भ्रस्ट कइ दिहिस ही, कि जउने ऊँ पंचे परमातिमा के साछात रूप, मसीह के महिमामय खुसी के खबर के उँजिआर काहीं न देखे पामँय।
काहेकि हमरे व्दारा खुसी के खबर तोंहरे लघे केबल बचनय भर से नहीं, बलकिन सामर्थ अउर पबित्र आत्मा, अउर बड़े निस्चय के साथ पहुँची हय। तूँ पंचे जनते हया, कि जब हम पंचे तोंहरे साथ रहे हएन, तब तोंहरे फायदा के खातिर कउनमेर जीबन जिअत रहेन हँय।