8 पय अगर हमरे पंचन के लघे खाँय के खातिर खाना, अउर पहिनँय के खातिर ओन्हा हय, त एतनेन माहीं सन्तोस करँय चाही।
हमरे पंचन के दिन भर के खाँय के खातिर खाना आज हमहीं देई।
इआ बात हम अपने कमी-घटी के कारन न होय कहित हएन, काहेकि हम इआ सिख लिहेन हय, कि जउने हाल माहीं हम रही, ओहिन माहीं सन्तोस करी।