अउर परमातिमा कउनमेर से नासरत सहर माहीं, रहँइ बाले यीसु काहीं पबित्र आत्मा अउर सामर्थ से अभिसेक किहिन तय, अउर ऊँ भलाई के काम करत, अउर सगलेन काहीं जउन सइतान के सताए रहे हँय, उनहीं नीक करत चारिव कइती घूमत फिरत रहिगें; काहेकि परमातिमा उनखे साथ रहे हँय।
अउर याफा सहर माहीं एकठे तबीता नाम के बिसुआसिन रहत रही हय, जउन दोरकास नाम से घलाय जानी जात रही हय, उआ खुब निकहे-निकहे काम करत रही हय, अउर गरीबन काहीं दान देत रही हय।
अउर जेही उत्साहित करँइ के बरदान मिला होय, त उआ उत्साहित करँइ माहीं लगा रहय; अउर जेही दान देंइ के बरदान मिला होय, त उआ उदारता से दान देंइ माहीं लगा रहय, अउर जेही अँगुआई करँइ के बरदान मिला होय, त उआ लगन के साथ अँगुआई करय, अउर जेही दया करँइ के बरदान मिला होय, त उआ बड़े खुसी के साथ दया करय।
अउर हप्ता के पहिल दिन, तोंहरे पंचन म से हरेक जन अपने-अपने कमाई के मुताबिक, अपने लघे कुछ पइसा बचाइके रक्खा करय, कि जउने जब हम तोंहरे लघे अई, तब दान एकट्ठा न करँइ परय।
अउर तूँ पंचे हमरे पंचन के प्रभू यीसु मसीह के किरपा काहीं जनतेन हया, कि ऊँ केतना धनी रहे हँय, तऊ ऊँ तोंहरे पंचन के खातिर एसे कंगाल बनिगें, कि जउने तूँ पंचे उनखे कंगाल होंइ से धनी बन जा।
अउर जे कोऊ चोरी करत आय रहा हय, उआ पुनि चोरी न करय; बलकिन अपने हाँथन से मेहनत मजूरी कइके, निकहे-निकहे काम करय; एसे कि तोंहरे पंचन म से जेही कुछू जरूरत होय, त ओही देंइ के खातिर ओखे लघे कुछू रहय।
अउर भलाई के कामन काहीं करँइ माहीं ओखर नाम आँगे रहा होय, अपने लड़िकन-बच्चन काहीं निकहा से पालिस-पोसिस होय; अउर महिमानन के सेबा किहिस होय, अउर उआ बिसुआसिअन के गोड़ धोइस होय, अउर दीन-दुखिअन के मदत किहिस होय, अउर भलाई के कामन काहीं मन लगाइके किहिस होय।
यीसु मसीह अपने इच्छा से हमरे पँचन खातिर मउत काहीं अपनाइन हीं, कि जउने हमहीं पँचन काहीं हरेकमेर के अधरम से छोड़ाय लेंय, अउर सुद्ध कइके अपने खातिर अइसन प्रजा बनाय लेंय, जउन निकहे-निकहे कामन काहीं करँइ के खातिर हरेक समय तइआर रहँय।
अउर ईं सगली बात सही हईं, अउर सगले मनइन के खातिर लाभदायक हईं, एसे हम चाहित हएन, कि तूँ ईं सगली बातन के बारे माहीं जोर दइके लोगन काहीं बताबा, एसे कि जउन लोग परमातिमा के ऊपर बिसुआस करत हें, ऊँ भले-भले कामन काहीं करँइ माहीं ध्यान देंय।
हे हमार पियार भाई-बहिनिव, सुना; काहे परमातिमा इआ संसार के कंगालन काहीं नहीं चुनिन, कि बिसुआस माहीं धरमी, अउर उआ राज के अधिकारी होंय, जउने के वादा परमातिमा उनसे किहिन हीं, जउन उनसे प्रेम रक्खत हें?
पय जेखे लघे संसार के सम्पत होय, अउर अपने भाई-बहिनी काहीं कंगाल देखिके, ओखे ऊपर तरस खाइके ओखर मदत न करय, त ओखे जीबन म परमातिमा के प्रेम हय, इआ कइसा कहा जाय सकत हय?
हे पियार साथी, बुराई काहीं नहीं, बलकिन भलाई काहीं अपनामँइ बाले बना, जे कोऊ भलाई करत हय, उआ परमातिमा कइत से हय; पय जे कोऊ बुराई करत हय, उआ परमातिमा काहीं नहीं देखिस आय।