तब यीसु उनसे कहिन, “हे फिलिप्पुस, हम एतने दिना से तोंहरे पंचन के साथ हएन, अउर का तूँ हमहीं नहीं जनते आह्या? जे कोऊ हमहीं देखिस ही, उआ पिता काहीं देखिस ही, पुनि तूँ काहे कहते हया, कि हमहीं पिता काहीं देखाबा।
काहेकि हरेक निकहा बरदान, अउर हरेक उत्तम दान, परमातिमा से मिलत हय, जउन जोतियन के परमपिता आहीं, जउने माहीं न त कउनव बदलाव होइ सकय, अउर न नछत्रन के गति-बिधिअन से पइदा भे छाया से उआ बदल सकय।
पय जइसन ऊँ उँजिआर माहीं चलत हें, उहयमेर अगर हमहूँ पंचे उँजिआर माहीं चली, त एक दुसरे के साथ हमार पंचन के सहभागिता ही; अउर परमातिमा के लड़िका यीसु के खून, हमहीं पंचन काहीं सगले पापन से सुद्ध करत हय।
परमातिमा काहीं कबहूँ कोहू नहीं देखिस, अगर हम पंचे आपस माहीं प्रेम करित हएन, त परमातिमा हमरे पंचन के जीबन माहीं बास करत हें; अउर उनखर प्रेम हमरे जीबन माही सिद्ध होइगा हय।
पुनि रात न होई, अउर उनहीं पंचन काहीं, दिया अउर सुरिज के उँजिआर के जरूरत न होई, काहेकि प्रभू परमातिमा, उनहीं पंचन काहीं उँजिआर देइहँय, अउर ऊँ पंचे जुगन-जुगन तक राज करिहँय।
“हे हमार पंचन के प्रभू, अउर परमातिमा, अपनय महिमा, अउर मान-सम्मान, अउर सामर्थ के काबिल हएन; काहेकि अपनय सगली चीजन काहीं बनाएन हय, अउर ऊँ अपनय के मरजी से बनाई गे रही हँय, अउर बनाई गई हँय।”