यीसु अपने चेलन से कहिन, मनइन काहीं पाप म गिरामँइ बाली चीज त रहतिन हईं, पय जउन मनई दुसरे मनइन काहीं पाप माहीं गिराबत हें, त उनहीं परमातिमा से खुब सजा मिली।
तब ऊँ पंचे कहिन, “कुरनेलियुस सुबेदार जउन धरमी मनई हें, अउर परमातिमा के भय मानँइ बाले, अउर यहूदी जाति माहीं उनखर खुब सम्मान हय, ऊँ स्वरगदूत से इआ हुकुम पाइन हीं, कि अपना काहीं अपने घर माहीं बोलाइके अपना से बचन सुनँय।”
त अब तूँ पंचे काहे परमातिमा के परिच्छा लेते हया, कि चेलन के मूँड़े माहीं अइसन बोझा लदते हया? जउने बोझा काहीं न हमार पंचन के बाप दादय उठाए पाइन तय, अउर न हमहिन पंचे उठाय सकित आहेन?
अउर नीक-नागा पहिचानँय, अउर पतिब्रता, एखे साथय-साथ घर-दुआर के जबाबदारी, अउर आपन करतब्य निकहा से निभामँइ बाली बनँय, अउर अपने मंसेरुअन के कहा-बतान मानँइ बाली बनँय, जउने परमातिमा के बचन के बुराई न होंइ पाबय।
अउर तूँ पंचे अपने सोच-बिचार काहीं सुद्ध रख्या, एसे कि जउने बातन के बारे माहीं तोंहार बदनामी होत ही। ओखे बारे माहीं, जउन तोंहरे मसीही चाल-चलन के अपमान करत हें, ऊँ लज्जित होइ जाँय।