16 अगर कउनव बिसुआसिअन के घर माहीं बिधबा होंय, त उँइन पंचे ओखर मदत करँय, जउने उआ बिधबा के मसीही मन्डली के ऊपर बोझ न परय, जउने मसीही मन्डली ऊँ बिधबन के मदत कइ सकय, जउन वास्तव माहीं मदत के काबिल हईं।
अउर भलाई के कामन काहीं करँइ माहीं ओखर नाम आँगे रहा होय, अपने लड़िकन-बच्चन काहीं निकहा से पालिस-पोसिस होय; अउर महिमानन के सेबा किहिस होय, अउर उआ बिसुआसिअन के गोड़ धोइस होय, अउर दीन-दुखिअन के मदत किहिस होय, अउर भलाई के कामन काहीं मन लगाइके किहिस होय।
पय अगर कोऊ अपने नात-रिस्तेदारन, अउर खासकर अपने घर-परिबार के मनइन के मदत नहीं करय, त उआ प्रभू के बिसुआस से भटकिगा हय, अउर उआ, जउन मनई प्रभू के ऊपर बिसुआस नहीं करँय उनहूँ से अधिक बुरा बनिगा हय।