तब उआ दास के मालिक ओसे कहिन, कि ‘साबास, तूँ बिसुआस के काबिल अउर निकहे दास हया, तूँ थोर काहीं धन माहीं बिसुआस के काबिल रहे हया; एसे हम तोंहईं खुब चीजन के अधिकारी बनाउब। अउर तूँ जाइके अपने मालिक के खुसी माहीं सामिल होइजा।’
इआ बात बेलकुल सही हय, अउर हरेकमेर से मानँइ के काबिल ही, कि मसीह यीसु पापिन काहीं मुक्ती देंइ के खातिर, इआ संसार माहीं आए हँय, जउनेन म से सगलेन से बड़े पापी हम आहेन।