7 अउर मसीही मन्डली के अलाबव, गाँव समाज के मनइव ओखर मान-सम्मान करत होंय, अइसन न होय कि उआ निन्दित होइके, जइसा पंछी सिकारी के जाल माहीं फँसि जात हय, उहइमेर उहव सइतान के जाल माहीं फँसि जाय।
यीसु उनसे कहिन, “परमातिमा के राज के जउने बातन काहीं दूसर लोग नहीं जानँय, ऊँ बातन काहीं परमातिमा तोहईं समझाइन हीं, पय दुसरे लोगन से सगली बातँय उदाहरनन माहीं कही गई हँय, एसे कि जउने पबित्र सास्त्र माहीं लिखी यसायाह नबी के बात पूर होय।”
तब ऊँ पंचे कहिन, “कुरनेलियुस सुबेदार जउन धरमी मनई हें, अउर परमातिमा के भय मानँइ बाले, अउर यहूदी जाति माहीं उनखर खुब सम्मान हय, ऊँ स्वरगदूत से इआ हुकुम पाइन हीं, कि अपना काहीं अपने घर माहीं बोलाइके अपना से बचन सुनँय।”
एसे हे भाइव, अपने बीच म से सातठे नीक मनइन काहीं चुनि ल्या, जउन पबित्र आत्मा से भरपूर अउर बुद्धिमान होंय, कि जउने उनहीं हम पंचे इआ काम करँइ के जिम्मेबारी सउँपि देई।
काहेकि हम पंचे हरेक बातन माही, इआ ध्यान रक्खित हएन, कि कोहू काहीं हमरे पंचन के ऊपर दोस लगामँइ के मोका न मिलय। जउने हमरे पंचन के सेबा माहीं कउनव कलंक न लागय।
काहेकि हमहीं पंचन काहीं इआ बात के हमेसा चिन्ता रहत ही, कि हम पंचे उहय काम करी, जउन प्रभू के नजर भर माहीं निकहा नहीं, बलकिन जउन मनइन के नजर माहीं घलाय निकहा होत हय।
अउर नीक-नागा पहिचानँय, अउर पतिब्रता, एखे साथय-साथ घर-दुआर के जबाबदारी, अउर आपन करतब्य निकहा से निभामँइ बाली बनँय, अउर अपने मंसेरुअन के कहा-बतान मानँइ बाली बनँय, जउने परमातिमा के बचन के बुराई न होंइ पाबय।
दिमेत्रियुस के बारे माहीं सबय कोऊ सराहत हें, बलकिन सत्य घलाय खुदय गबाह हय, अउर हमहूँ पंचे घलाय सराहित हएन, अउर तूँ त जनतेन हया, कि हमार पंचन के गबाही सही हय।