अउर याफा सहर माहीं एकठे तबीता नाम के बिसुआसिन रहत रही हय, जउन दोरकास नाम से घलाय जानी जात रही हय, उआ खुब निकहे-निकहे काम करत रही हय, अउर गरीबन काहीं दान देत रही हय।
काहेकि हम पंचे परमातिमा के बनए आहेन; अउर ऊँ यीसु मसीह के द्वारा हमहीं पंचन काहीं एसे बनाइन हीं, कि हम पंचे निकहे कामन काहीं करी, जिनहीं परमातिमा पहिलेन से तइआर किहिन हीं, कि जउने हम पंचे उँइन कामन काहीं करत आपन जीबन बिताई।
इहइमेर सगली मेहेरिआ घलाय, सकुच के साथ खुद पर नियन्त्रन रखिके, उचित ओन्हन से खुद काहीं सजामँय, इआ नहीं कि बार गुहँय, अउर सोन-चाँदी, अउर मोतिन, अउर महग ओन्हन से, बलकिन निकहे-निकहे कामन से सजामँय,
यीसु मसीह अपने इच्छा से हमरे पँचन खातिर मउत काहीं अपनाइन हीं, कि जउने हमहीं पँचन काहीं हरेकमेर के अधरम से छोड़ाय लेंय, अउर सुद्ध कइके अपने खातिर अइसन प्रजा बनाय लेंय, जउन निकहे-निकहे कामन काहीं करँइ के खातिर हरेक समय तइआर रहँय।
अउर ईं सगली बात सही हईं, अउर सगले मनइन के खातिर लाभदायक हईं, एसे हम चाहित हएन, कि तूँ ईं सगली बातन के बारे माहीं जोर दइके लोगन काहीं बताबा, एसे कि जउन लोग परमातिमा के ऊपर बिसुआस करत हें, ऊँ भले-भले कामन काहीं करँइ माहीं ध्यान देंय।