सबसे पहिले हम तोंहरे सगले जनेन के खातिर यीसु मसीह के द्वारा अपने परमातिमा काहीं धन्यबाद देइत हएन, काहेकि तोंहरे बिसुआस के चरचा हरेक जघन माहीं होइ रही हय।
पय हम परमातिमा के धन्यबाद करित हएन, कि तूँ पंचे जउन पहिले बुरे कामन काहीं करँइ के कारन पाप के दास बने रहे हया, त अब तूँ पंचे अपने पूरे मन से उआ उपदेस काहीं मानँइ बाले बन गया हय, जउन तोंहईं पंचन काहीं सँउपा ग रहा हय।
इआ कारन से हम सगलेन से पहिले इआ खास बात, तोहईं पंचन काहीं बताय दिहेन हय, जउन हमहीं बताई गे रही हय, कि पबित्र सास्त्र माहीं लिखे बचन के मुताबिक, मसीह हमरे पंचन के पापन के माफी के खातिर मरिगें,
एसे हम पंचे तीतुस काहीं सलाह दिहेन, कि जइसन तूँ पहिले दान एकट्ठा करँइ के सुरुआत किहा तय, उहयमेर तोंहरे बीच माहीं जाइके दान एकट्ठा करँइ के काम काहीं पूर करँय।
अउर तूँ पंचे हमेसा पूरे मन से पबित्र आत्मा के मदत से बिनती, प्राथना करत रहा, अउर एहिन से सचेत रहा, कि जउने सगले पबित्र मनइन के खातिर लगीतार परमातिमा से बिनती करत रहा।
अउर प्रभू अइसन करँय, कि जइसन प्रेम हम पंचे तोंहसे रक्खित हएन; उहयमेर तोंहरव प्रेम आपस माहीं एक दुसरे के साथ, अउर सगले मनइन के साथ बढ़य, अउर मजबूत होत जाय।
हे भाई-बहिनिव, तोंहरे बारे माहीं हमहीं पंचन काहीं, हर समय परमातिमा काहीं धन्यबाद देत रहँइ चाही, अउर इआ उचितव हय, एसे कि तोंहार बिसुआस खुब बाढ़त जात हय, अउर तोंहार सगलेन के प्रेम घलाय आपस माहीं खुब बाढ़त जात हय।
अउर प्रभू के सेबक काहीं झगड़ालू न होंइ चाही, बलकिन सगले मनइन के साथ कोमलता के बेउहार करँइ, अउर परमातिमा के बचन काहीं निकहा से सिखामँइ बाला होंइ चाही, अउर हरेक बातन काहीं सहँइ बाला होंइ चाही।
अउर हम पंचे खुब चाहित हएन, कि तोंहरे म से हरेक जन अपने जीबन भर इहइमेर कठिन मेहनत करत रहय। अउर अगर तूँ पंचे अइसय करत रइहा, त ओही जरूर पाय जइहा, जेखर तूँ पंचे आसा करते हया।
एसे तूँ पंचे आपस माहीं एक दुसरे के आँगे, अपने-अपने पापन काहीं सोइकार कइल्या; अउर एक दुसरे के खातिर प्राथना करा, जउने नीक-सूख होइजा; धरमी मनइन के प्राथना सक्तिसाली, अउर प्रभावसाली होत ही, जेसे बहुत कुछ होइ सकत हय।