ओखे बाद कुछ मनई यहूदिया प्रदेस से आइके, बिसुआसी भाई-बहिनिन काहीं सिखामँइ लागें, कि “अगर मूसा के नेम के मुताबिक तोंहार पंचन के खतना नहीं भ आय, त तूँ पंचे मुक्ती नहीं पाय सकते आह्या।”
हम तोंहसे पंचन से केबल एतना जानँय चाहित हएन, कि तूँ पंचे पबित्र आत्मा काहीं मूसा के बिधान के पालन करँय से पाया हय, कि खुसी के खबर काहीं सुनिके, बिसुआस किहे से पाया हय?
हम पुनि पूँछित हएन कि, परमातिमा जउन तोंहईं पंचन काहीं पबित्र आत्मा के दान दिहिन हीं, अउर तोंहरे पंचन के जीबन से सामर्थ के काम करत हें, त तूँ पंचे इआ बताबा, कि परमातिमा इआ काम काहीं मूसा के बिधान के पालन करँइ से करत हें, इआ कि खुसी के खबर काहीं सुनिके बिसुआस किहे के कारन?
त उआ घमन्डी होइगा हय, अउर प्रभू के बचन अउर उपदेस के बारे माहीं कुछू नहीं जानय, बलकिन ओही बाद-बिबाद करँय, अउर बचन के कुछ सब्दन काहीं लइके, बहँस करँइ के बुरी आदत ही, जउने से जलन, अउर लड़ाई-झगड़ा, अउर बुराई के बातँय, अउर दुसरेन के ऊपर बुरी-बुरी संका करब पइदा होत हय।
हे हमार भाई-बहिनिव, तोंहरे पंचन म से खुब जने उपदेसक न बनँय, काहेकि तूँ पंचे त जनतेन हया, कि हम पंचे जउन उपदेस देंइ बाले हएन, त हमार पंचन के न्याय अधिक कड़ाई के साथ कीन जई।