अउर तब ऊँ राजा अरथात मनई के लड़िका अपने दहिने कइती बालेन से कइहँय, कि ‘हे हमरे पिता परमातिमा के धन्य मनइव, तूँ पंचे आबा, अउर उआ राज के अधिकारी होइजा, जउन संसार के सुरुआतय से तोंहरे खातिर तइआर कीन ग हय।
अउर जउने बातन काहीं, हम तोंहईं पंचन काहीं मानँइ के हुकुम दिहेन हय, उँइन बातन काहीं मानँइ के खातिर उनहूँ पंचन काहीं सिखाबा: अउर इआ बात काहीं सुध रख्या, कि संसार के अन्त तक हमेसा हम तोंहरे पंचन के साथ माहीं रहब।”
तूँ पंचे हमरे ऊपर बिसुआस कइसन कइ सकते हया, काहेकि तूँ पंचे त आपस माहीं एक दुसरे से मान-सम्मान चहते हया, अउर उआ मान-सम्मान पामँइ के कोसिस नहीं करते आह्या, जउन एकलउते परमातिमा के तरफ से मिलत हय।
जब से संसार के रचना भे ही, परमातिमा के न देखाई देंइ बाली बिसेसता अरथात अनन्त सक्ती, अउर परमातिमा के दिब्य गुन साफ-साफ देखाई देत हें, काहेकि ऊँ चीजन से ऊँ पूरी तरह से जाने जाय सकत हें, जउने काहीं परमातिमा रचिन हीं। एसे अब मनइन के लघे कउनव बहाना नहिं आय।
जउन मनई धीरज के साथ लगीतार निकहा काम करत, परमातिमा के तरफ से बड़ाई अउर मान- सम्मान पामँइ अउर परमातिमा के साथ हमेसा रहँइ खातिर खोज माहीं लगे रहत हें, उनहीं परमातिमा अनन्त जीबन देइहँय।
अउर मूसा काहीं परमातिमा के ऊपर पूर बिसुआस रहा हय, एहिन से ऊँ मिस्र के राजा के क्रोध से नहीं डेरानें, अउर मिस्र देस काहीं छोंड़िके चलेगें, अउर अइसन जान परत रहा हय, कि ऊँ न देखाँइ बाले परमातिमा काहीं देखत हें, अउर बिसुआस माहीं अटल रहिगें।
“अपना उनखे पद काहीं स्वरगदूतन से थोरिन काहीं कम किहेन हय; अपना उनखे ऊपर महिमा अउर मान-सम्मान के मुकुट धरेन हय, अउर उनहीं अपने हाँथेन के कामन के ऊपर अधिकार दिहेन हय। अउर अपना सब कुछ उनखे अधीन कइ दिहेन हय।”
परमातिमा काहीं कबहूँ कोहू नहीं देखिस, अगर हम पंचे आपस माहीं प्रेम करित हएन, त परमातिमा हमरे पंचन के जीबन माहीं बास करत हें; अउर उनखर प्रेम हमरे जीबन माही सिद्ध होइगा हय।
ऊँ पंचे परमातिमा के दास मूसा के गीत, अउर मेम्ना के गीत गाय, गाइके कहत रहे हँय, “हे सर्बसक्तिमान प्रभू परमातिमा, अपना के काम महान अउर अचरज के हें; हे जाति-जाति के राजा, अपना के चाल ठीक अउर सच्ची हय।”
ओखे बाद हम बड़ी भीड़ कि नाईं, अउर खुब पानी कि नाईं, अउर गरजँय कि नाईं, बड़ी तेज अबाज सुनेन; “हालेलूय्याह! काहेकि प्रभू हमार पंचन के परमातिमा सर्बसक्तिमान राज करत हें।