कि तूँ उनखर आँखी खोला, जउने ऊँ पंचे अँधिआर से जोति कइती, अउर सइतान के अधिकार से परमातिमा कइती फिरँय; एसे उनहीं पापन से माफी मिली, अउर उन मनइन के बीच माहीं जघा पइहँय, जउन हमरे ऊपर बिसुआस किहे के कारन पबित्र कीन गे हँय।’
पय प्रभू के दुसराय आमँइ के दिन, चोर कि नाईं अचानक आय जई, अउर उआ दिन भयंकर गरजन के साथ अकास हेराय जई, अउर अकास के सगली चीजँय, आगी माहीं जरिके नास होइ जइहँय। अउर इआ धरती, अउर एखे ऊपर के सगले काम जरि जइहँय।
पुनि हम तोंहईं नबा हुकुम लिखित हएन; इआ आसा से कि सत्य, मसीह के अउर तोंहरे जीबन माहीं उजागर भ हय, काहेकि अँधिआर खतम होइ रहा हय, अउर सत्य के जोति चमकँइ लाग ही।
“देखा, हम चोर कि नाईं अइत हएन; धन्य हय उआ मनई जउन जागत रहत हय, अउर अपने ओन्हन के रखबारी करत हय, कि जउने नंगा न फिरय, अउर मनई ओखे नंगापन काहीं देखे न पामँय।”
एसे सुधि करा, कि तूँ कइसन सिच्छा पाया तय, अउर सुने रहे हया, ओहिन माहीं बने रहा, अउर पस्चाताप करा, अगर तूँ जागत न रइहा, त हम चोर कि नाईं आय जाब, अउर तूँ बेलकुल न जाने पइहा, कि हम कउने घरी, तोंहरे ऊपर आय परब।