9 पय आपस के भाईचारा के प्रेम के बारे माहीं, तोंहईं हमहीं अउर कुछू लिखँइ के जरूरत नहिं आय? काहेकि आपस माहीं प्रेम करब तूँ पंचे खुदय परमातिमा से सिखे हया।
एसे हमरे पंचन म से जेतने जने परमातिमा के ग्यान माहीं मजबूत बनिगे हँय, ऊँ पंचे इहइमेर के सोच-बिचार रक्खँय, पय अगर कउनव बात माहीं तोंहार दूसर मेर के सोच-बिचार हय, त ओहू काहीं परमातिमा तोंहईं स्पस्ट रूप से बताय देइहँय।
अउर उनखर हुकुम इआ हय, कि हम पंचे उनखे लड़िका यीसु मसीह के नाम के ऊपर बिसुआस करी, अउर जइसन ऊँ हमहीं पंचन काहीं हुकुम दिहिन हीं, ओहिन के मुताबिक आपस माहीं प्रेम रखी।