काहेकि घिनहे बिचार करब, कतल करब, दुसरे के मेहेरिआ से नजायज सम्बन्ध रक्खब, ब्यभिचार करब, चोरी करब, लबरी गबाही देब, अउर दुसरे के बुराई करब, ईं सगली बातँय करँइ के बिचार मनय से निकरत हय।
पय हम तोंहसे कहित हएन, कि जे कोऊ ब्यभिचार के अलाबा अउर दुसरे कारन से अपने मेहेरिआ के छोंड़-छुट्टी करत हय, त उआ अपने मेहेरिआ से ब्यभिचार कराबत हय; अउर जे कोऊ उआ छोंड़ी मेहेरिआ से काज करत हय, त उहव ओसे ब्यभिचार करत हय।
जेतने हमसे, हे प्रभू, हे प्रभू, कहत हें, उनमा से हरेक जन स्वरगराज माहीं न जाए पइहँय, बलकिन उहय स्वरगराज माहीं जई, जउन स्वरग माहीं रहँइ बाले हमरे पिता के मरजी के मुताबिक चलत हय।
अउर अब हम अपना पंचन काहीं परमातिमा काहीं, अउर उनखे किरपा के बचन काहीं सँउपे देइत हएन; जउन अपना पंचन के उन्नति कइ सकत हें, अउर सगले पबित्र कीन मनइन के साथ अपना पंचन काहीं बारिसदार बनाय सकत हें।
कि तूँ उनखर आँखी खोला, जउने ऊँ पंचे अँधिआर से जोति कइती, अउर सइतान के अधिकार से परमातिमा कइती फिरँय; एसे उनहीं पापन से माफी मिली, अउर उन मनइन के बीच माहीं जघा पइहँय, जउन हमरे ऊपर बिसुआस किहे के कारन पबित्र कीन गे हँय।’
अउर तूँ पंचे इआ संसार के बुरे मनइन कि नाईं न बना; काहेकि परमातिमा तोंहरे मन काहीं नबा कइ दिहिन हीं, एसे तोंहार पंचन के चाल-चलन बदलत जाँइ चाही, जउने तूँ पंचे अपने अनुभव से इआ जान लेबा करा, कि परमातिमा तोंहरे जीबन से का चाहत हें, अउर उनहीं का नीक लागत हय, अउर उनखर पूरी इच्छा का ही।
अउर उनहिन के द्वारा तूँ पंचे मसीह यीसु माहीं बने हया, जउन परमातिमा के तरफ से हमरे पंचन के खातिर ग्यान ठहरे हँय, अउर उनहिन के द्वारा हम पंचे परमातिमा के नजर माहीं निरदोस साबित भएन हँय, पबित्र बनाए गएन हँय, अउर हरेक बुराइन से छुटकारा घलाय पाए हएन।
अउर हमहीं इहव बात के डेर हय, कि जब हम तोंहसे मिलँइ के खातिर अई। त तोंहरेन आँगे, हमार परमातिमा हमहीं लज्जित न करँइ; अउर हमहीं उनखे खातिर दुखी होंय परय, जउन पहिले पाप किहिन तय, अउर घिनहे-घिनहे काम किहिन तय, अउर ब्यभिचार किहिन तय, अउर भोग-बिलास के काम किहिन तय, पय उनखे खातिर पस्चाताप नहीं किहिन आय।
अउर मनइन काहीं खुस करँइ बालेन कि नाईं देखाला के खातिर सेबा न करा, बलकिन मसीह के सेबकन कि नाईं, जउन पूरे मन से परमातिमा के इच्छा के मुताबिक चलत हें, उहयमेर तुहूँ पंचे अपने मालिकन के पूरे मन से सेबा करा।
एसे जउने दिना से हम तोंहरे बारे माहीं इआ सुने हएन, त हमहूँ घलाय रोज तोंहरे खातिर इआ प्राथना करित हएन, कि तूँ पंचे आत्मिक ग्यान अउर समझ पायजा, अउर परमातिमा के इच्छा तोंहरे बारे माहीं का ही, इआ निकहा से जान जा।
अउर इपफ्रास जउन तोंहरे बीच म से मसीह यीसु के दास आहीं, तोंहईं पंचन काहीं नबस्कार कहत हें, अउर तोंहरे खातिर हमेसा इआ प्राथना करत हें, कि तूँ पंचे आत्मिक रूप से मजबूत होइजा, अउर पूरे बिसुआस के साथ परमातिमा के इच्छा काहीं जानिके ओमाहीं स्थिर रहा।
पय हे प्रभू के पियार भाई-बहिनिव, चाही कि हम पंचे तोंहरे बारे माहीं हमेसा परमातिमा काहीं धन्यबाद देत रही, काहेकि परमातिमा तोंहईं आदि से चुनि लिहिन हीं; कि पबित्र आत्मा के द्वारा पबित्र बनिके, अउर सत्य के बिसुआस कइके मुक्ती पाबा,
यीसु मसीह अपने इच्छा से हमरे पँचन खातिर मउत काहीं अपनाइन हीं, कि जउने हमहीं पँचन काहीं हरेकमेर के अधरम से छोड़ाय लेंय, अउर सुद्ध कइके अपने खातिर अइसन प्रजा बनाय लेंय, जउन निकहे-निकहे कामन काहीं करँइ के खातिर हरेक समय तइआर रहँय।
अउर इहव बात के ध्यान रक्खा, कि तोंहरे पंचन के बीच म से कोऊ ब्यभिचार न करय, अउर न एसाव कि नाईं अधरमी बनय, जउन एक बेरकी के खाना के खातिर, आपन पहिलउठा होंइ के अधिकार बेंच डारिस तय।
अउर काज-बिआह सबके बीच माहीं मान-सम्मान के बात समझी जाय, अउर उनखर बिछउना निस्कलंक होंइ चाही, अरथात जिनखर बिआह होत हय, उनहीं पबित्र होंइ चाही, काहेकि परमातिमा ब्यभिचारिन, अउर दुसरे के मेहेरिआ के साथ नजायज सम्बन्ध बनामँइ बालेन के न्याय करिहँय।
तूँ पंचे पिता परमातिमा के भबिस्य ग्यान के मुताबिक, पबित्र आत्मा से पबित्र कीन जाँय के व्दारा, यीसु मसीह के हुकुम काहीं पालन करँइ के खातिर, अउर उनखे खून से छिनके जाँइ के खातिर चुने गए हया, तोंहईं पंचन काहीं परमातिमा के किरपा, अउर सान्ति बहुतायत से मिलत रहय।