एसे तूँ पंचे हर समय परमातिमा के बचन माहीं बने रहा, अउर प्राथना करत रहा, कि तूँ पंचे ईं आमँइ बाली घटनन से बचि जा, बलकिन जब मनई के लड़िका दुबारा अइहँय, तब तूँ पंचे उनखे आँगे ठाढ़ होंइ के काबिल बने रहा।”
अउर एखे बाद इआ संसार के अन्त आय जई, तब इआ संसार माहीं सासन करँइ बाले सगले अधिकारिन काहीं, अउर बुरी सक्तिन काहीं यीसु मसीह नास कइ देइहँय, अउर अपने राज काहीं पिता परमातिमा के हाँथ माहीं सउँपि देइहँय।
अउर हे भाई-बहिनिव, हम इआ कहित हएन, कि समय बेलकुल कम कीन ग हय, एसे हम इआ चाहित हएन, कि जिनखे मेहेरिआ होंय, त ऊँ पंचे अइसन रहँय, कि जइसन उनखे मेहेरिअय नहिं आय;
अउर तूँ पंचे हमेसा पूरे मन से पबित्र आत्मा के मदत से बिनती, प्राथना करत रहा, अउर एहिन से सचेत रहा, कि जउने सगले पबित्र मनइन के खातिर लगीतार परमातिमा से बिनती करत रहा।
परमातिमा अपने दया के व्दारा चेतउनी दइके, इआ सिखाबत हें, कि हम पंचे जउन परमातिमा के भक्ती नहीं करी, ओही, अउर संसार के बुरे लोभ लालच काहीं छोंड़ि देई, अउर इआ संसार माहीं अपने ऊपर काबू रखिके, धारमिक अउर परमातिमा के भक्ती माहीं जीबन बिताई;
अउर हम पंचे अराधना माहीं जाब न छोंड़ी, अउर उनखे कि नाईं न बनी, जउन ईं बातन काहीं छोंड़ि दिहिन हीं; बलकिन एक दुसरे काहीं समझाबत रही, अउर जइसय- जइसय प्रभू के दुसराय आमँइ के दिन लघे आय रहा हय, त हम पंचे ईं कामन काहीं अउर जादा करी।
नहीं त उनहीं संसार के सुरुआत से लइके अबे तक बेर-बेर दुख उठामँइ परत, पय अब जुग के आखिरी समय माहीं, ऊँ एक बेरकिन आएँ हँय, कि जउने अपने बलिदान के द्वारा पाप काहीं दूर कइ देंय।
एसे तूँ पंचे मानसिक रूप से सचेत रहा, अउर खुद काहीं काबू माही रखिके, उआ किरपा के खातिर पूरी आसा रक्खा, जउन तोंहईं पंचन काहीं यीसु मसीह के दुसराय आमँइ के समय मिलँइ बाली हय।
उहयमेर हे मंसेरुअव, तुहूँ पंचे घलाय अपने-अपने मेहेरिआ के साथ समझदारी से जीबन निरबाह करा। अउर उनहीं कमजोर जानिके, उनखर सम्मान करा। इआ समझिके, कि हम पंचे दोनव जने अनन्त जीबन के बरदान के बारिसदार आहेन। जउने तोंहार पंचन के प्राथना परमातिमा के लघे तक पहुँचय से न रुकय।
अउर तूँ पंचे सचेत होइके, हमेसा परमातिमा के बचन माहीं बने रहा, काहेकि तोंहार बइरी सइतान, गरजँय बाले सेर कि नाईं, हमेसा इआ खोज माहीं रहत हय, कि केही परमातिमा के बचन से भटकाय देई।
“देखा, हम चोर कि नाईं अइत हएन; धन्य हय उआ मनई जउन जागत रहत हय, अउर अपने ओन्हन के रखबारी करत हय, कि जउने नंगा न फिरय, अउर मनई ओखे नंगापन काहीं देखे न पामँय।”