4 बलकिन तोंहार पंचन के सिंगार त मन के भीतर छिपा निकहा सुभाव होंइ चाही, जइसन नम्रता, अउर मन के दीनता के कबहूँ न नास होंइ बाली सजाबट, से सजे रहब, काहेकि परमातिमा के नजर माहीं एखर बड़ी कीमत ही।
तब यीसु उनसे कहिन, “तूँ पंचे त मनइन के आँगे अपने-आप काहीं बड़ा धरमी ठहरउते हया, पय परमातिमा तोंहरे मन के बात काहीं जानत हें, काहेकि जउन चीज मनइन के निगाह माहीं महान ही, उआ परमातिमा के नजर माहीं तुच्छ ही।
पय यहूदी उहय कहाई, जउन भीतर से अरथात मन माहीं यहूदी हय, अउर सच्चा खतना उआ आय, जउन पबित्र आत्मा के द्वारा मन के होत हय, उआ नहीं कि जउन मूसा के बिधान माहीं लिखे के मुताबिक हय, इआमेर करँइ बाले मनई के बड़ाई, मनइन के तरफ से नहीं, बलकिन परमातिमा के तरफ से होत ही।
अउर हम पंचे इआ जानित हएन, कि हमार पंचन के पुरान पापी सुभाव यीसु मसीह के साथ क्रूस माहीं चढ़ाय दीन ग हय, कि जउने हमार पंचन के पाप के इआ देंह नास होइ जाय, अउर आँगे हम पंचे पाप के दासता माहीं न रही।
हम पवलुस यीसु मसीह कि नाईं नम्र अउर दीन होइके तोंहसे पंचन से बिनती करित हएन, जबकि हमरे पीठ पीछे कुछ मनई कहत हें, कि हम डरपोक हएन। पय हम इआ लिखी चिट्ठी माहीं खुब निडर देखइत हएन।
अउर प्रसासन चलामँइ बालेन, अउर ऊँच पद बाले अधिकारिन के खातिर घलाय प्राथना किहा, एसे कि जउने हम पंचे सान्ति के साथ निडर होइके, परमातिमा के भक्ती करत गम्भीरता से जीबन बिताय सकी।
बलकिन मसीह काहीं आपन प्रभू मानिके, अपने-अपने मन काहीं पबित्र रख्या, अउर जे कोऊ तोंहरे आसा के बारे माहीं पूँछँय, त तूँ पंचे नम्रता अउर परमातिमा के भय के साथ, जबाब देंइ के खातिर हमेसा तइआर रह्या।