2 तऊ ऊँ पंचे तोंहरे मान-सम्मान समेत, पबित्र चाल-चलन काहीं देखिके, अपने-अपने मेहेरिआ के चाल-चलन के द्वारा परमातिमा के तरफ खिंचे चले आमँय। उनहीं पंचन काहीं प्रभू के बारे माहीं बेर-बेर बतामँइ के जरूरत न परी।
अउर हम तोंहरे लघे अई, चाह न अई, तूँ पंचे केबल एतना करा, कि तोंहार चाल-चलन मसीह के खुसी के खबर के काबिल होय, अउर हम तोंहरे पंचन के बारे माहीं इहय सुनी, कि तूँ पंचे एक मन होइके, खुसी के खबर के ऊपर बिसुआस काहीं मजबूत करँइ के खातिर मेहनत करत रहते हया।
पय हमार पंचन के जनम भूमि त स्वरग माहीं हय; जहाँ हमहीं पंचन काहीं मुक्ती देंइ बाले प्रभू यीसु मसीह रहत हें, अउर उहाँ से उनखे पुनि आमँइ के हम पंचे बड़ी आसा लगाए इन्तजार कइ रहेन हँय।
हे सेबकव, अपने संसारिक मालिकन के सगली बातन माहीं, उनखे हुकुमन काहीं माना, अउर ऊँ सेबकन कि नाईं नहीं, जउन मनइन काहीं प्रसन्न करँइ के खातिर देखाला क त सेबा करत हें, पय बाद माहीं नहीं करँय, पय तूँ पंचे, परमातिमा के भय मानत उनखर निकही सेबा करा।
हे तीमुथियुस, तूँ अबे जमान हया, इआ कारन से कोऊ तोंहार निरादर न करँय पाबय, बलकिन तूँ अपने बात-चीत म अउर चाल-चलन म, अउर प्रेम करँइ म, अउर परमातिमा के ऊपर बिसुआस करँय, अउर अपने पबित्र जीबन से सगले बिसुआसिअन के खातिर आदर्स बन जा।