3 देखा, प्रभू केतना दयालू हें, अब तूँ पंचे इआ जान लिहे हया।
पय जब हमहीं पँचन काहीं मुक्ती देंइ बाले परमातिमा के किरपा भे, अउर सगले मनइन के ऊपर ऊँ आपन प्रेम देखाइन।