अउर कहिन, कि “हम तोंहसे सही कहित हएन, कि अगर तूँ पंचे अपने सुभाव काहीं न बदलिहा, अउर छोट-छोट लड़िकन कि नाईं भोले-भाले न बनिहा, त तूँ पंचे स्वरगराज माहीं कबहूँ न जाए पइहा।
तब यीसु उनसे कहिन, कि “लड़िकन काहीं हमरे लघे आमँइ द्या, अउर उनहीं न बरजा: काहेकि जे कोऊ छोट लड़िकन कि नाईं अपने काहीं नम्र बनइहँय, उँइन परमातिमा के स्वरगराज के भागीदार बनिहँय।”
एसे उनखे मउत के बपतिस्मा लिहे के कारन, हमहूँ पंचे घलाय उनखे साथ गाड़े गएन हय, कि जइसन पिता परमातिमा, अपने महिमामय सक्ती के द्वारा मसीह काहीं मरेन म से जिआइन रहा हय, उहयमेर हमरव पंचन के चाल-चलन नबा जीबन के मुताबिक होय।
अउर हे भाई-बहिनिव, जइसन छोट बुदे लड़िकन के सोच-बिचार रहत हय, उआमेर तोंहार पंचन के सोच-बिचार न होंइ चाही; बुराई के खातिर छोट लड़िकन कि नाईं अनजान बना, पय तोंहार सोच-बिचार सयानन कि नाईं होय।
हे भाई-बहिनिव, तोंहरे बारे माहीं हमहीं पंचन काहीं, हर समय परमातिमा काहीं धन्यबाद देत रहँइ चाही, अउर इआ उचितव हय, एसे कि तोंहार बिसुआस खुब बाढ़त जात हय, अउर तोंहार सगलेन के प्रेम घलाय आपस माहीं खुब बाढ़त जात हय।