1 पतरस 2:1 - Bagheli Bible1 एसे तूँ पंचे अपने जीबन से हरेकमेर के बैर-भाव, छल-कपट, इरसा अउर बदनामी काहीं दूर कइके, အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
काहेकि हमहीं इआ बात के डेर हय, कि कहँव अइसा न होय, कि जब हम तोंहरे लघे अई, त जइसन तोंहईं पंचन काहीं हम पामँइ चाहित हएन, त उआमेर न पाई, अउर तुहूँ पंचे घलाय हमहीं जइसन पामँइ चहते हया, त उआमेर न पाबा। अउर हम इआ नहीं चाही, कि तोंहरे बीच माहीं, लड़ाई-झगड़ा होय, डाह होय, क्रोध होय, बिरोध होय, जलन होय, चुगली करब होय, घमन्ड होय, कउनव बात के बखेड़ा होय।
जब परमातिमा के ऊपर बिसुआस करँइ बाले खुब मनइन के गबाही, हमरे पंचन के चारिव कइती मवजूद ही, इआ कारन से आबा, हमहूँ पंचे हरेक रोंकँइ बाली चीजन काहीं, अउर हरेक उलझामँय बाले पापन काहीं, अपने जीबन से दूर करी, जउन परमातिमा से दूरी लइ जात हें, अउर जउने मसीही दउड़ माहीं, हमहीं पंचन काहीं दउड़ँइ काहीं हय, ओही बड़े धीरज के साथ दउड़ी।