6 अउर इहय कारन से तूँ पंचे खुब आनन्दित होते हया। जबकि इआ बात जरूर हय, कि तूँ पंचे अबे कुछ दिना तक अनेकव प्रकार के परिच्छन माहीं परँइ के कारन, दुखी हया।
अउर उँइन यीसु मसीह के द्वारा बिसुआस के कारन उआ किरपा माही हम पंचे बने हएन, अउर उनखे लघे तक हमार पंचन के पहुँच होइगे ही, अउर परमातिमा के जउन महिमा हमहीं पंचन काहीं मिलँइ के पूर आसा ही, ओमाहीं आनन्द मनाइत हएन।
अउर हमहीं पंचन काहीं सोक करँइ बालेन कि नाईं माना जात हय, पय हम पंचे हमेसा आनन्दित रहित हएन, अउर हम पंचे कंगालन कि नाईं देखइत हएन, पय खुब मनइन काहीं आत्मिक रूप से धनी बनाय देइत हएन। अउर मनई समझत हें, कि हमरे पंचन के लघे कुछू नहिं आय, तऊ हमरे पंचन के लघे सब कुछ रहत हय।
एसे हम उनहीं तोंहरे लघे पठयन हय, काहेकि उनखर मन तोंहरे ऊपर लगा रहत रहा हय, अउर ऊँ ब्याकुल रहत रहे हँय, कि तूँ पंचे उनखे बारे माहीं सुने हया, कि ऊँ बिमार हें।
काहेकि खतना बाले त हमहिन पंचे आहेन, जउन पबित्र आत्मा के अँगुआई से परमातिमा के अराधना करित हएन, अउर मसीह यीसु के ऊपर घमन्ड करित हएन, अउर देंह से जुड़ी बातन के ऊपर भरोसा नहीं रक्खी।