बा बोसे पुछी, “तुम का चाँहत हओ?” बो बासे कही, “आज्ञा करओ और तुमर राज्यमे मिर जे दुई लौंणा मैसे एक जनै तुमर दहिना हात घेन, और दुस्रो तुमर दिब्रा हात घेन बैठन पामएं।”
मए पहिले फिर तुमर मण्डलीके बिश्वासीनके एक चिट्ठी लिखो रहओं, पर डियोत्रिफस मिर आदेश स्वीकार नाए करत हए, काहेकी बो सदिमान अपनए मण्डलीको अगुवा बनन चाँहत हए।