निसंदेह ऐसे नियम स्वर्गदूतन की उनकी जबरजत्ती उपासना, और झूठी नमरता, और सरीर से कठोर बर्ताव मैं जोर देथै बुद्धि के ऊपर आधारित प्रतीत होथै; लेकिन सारीरिक जुनून कै नियंतरित करन मैं उनको कोई वास्तविक मूल्य ना है।
मैं तुमसे, प्रिय दोस्तौ, जौ दुनिया मैं अजनबी और परदेसी होन की बजह से नहोरे करथौं! कि सारीरिक मन की चीज के इच्छा के अग्गु मत झुकियो, जो हमेसा आत्मा के खिलाप युद्ध मैं रहथै।