4 बाके चेला बासे कहीं, “हिंयाँ बन मैं ढेर रोटी कोई कितै से लागो कि जे छक सकथैं?”
4 तओ चेला बासे कहीं, “कोइ फिर जा एकन्त ठिहामे सब आदमीनके पुगन बारो खानु नाए ढुणपएहए!”
चेला बासे कहीं, “हमकै जौ सूनी जघा मैं कहाँ से इत्ती रोटी मिलंगी कि हम इत्ती बड़ी भीड़ कै खानु खबाए सकैं?”
बे कुछ समय पहले की पाँच हजार लोगन कै रोटी खबान की बात ना समझ पाईं रहैं, काहैकि उनके मन कर्रे ही गै रहैं।
बौ कही मैं इन्हैं भूंको भेज दौ तौ, जे थक हार कै अधरस्ता मैं रह जांगे, और एक-काद तौ दूरौ के हैं।”
ईसु उनसे पूँछी, “तुमरे झोने कितका रोटी हैं?” बे कहीं “सात।”