कि अंधरन कै आँखी मिल रइ है, लंगड़ा चल फिर रै हैं, कोहढ़ी सुद्ध करे जाए रै हैं, और बैहरा सुन रै हैं, और मुर्दा जिंदे करे जाए रै हैं, और दीन दुखियन कै सुसमाचार सुनाते जाए रै हैं।
और बौ उठो, और तुरंतै अपनी खटिया उठाएकै सबन के अग्गु से निकरकै चले गौ। ऐसो देखकै सब चौहोंक गै, और परमेस्वर की बड़ाँईं करन लागे, और कहेन लागे, “हम ऐसो होत भौ कहुए नाय देखे।”